अ. अधिनियम की धारा 29 (4) में प्रावधान है कि “क्षेत्र की क्षेत्रीय विद्युत समिति समय-समय पर एकीकृत ग्रिड की स्थिरता और सुचारू संचालन तथा उस क्षेत्र में विद्युत प्रणाली के संचालन में मितव्ययिता और दक्षता से संबंधित मामलों पर सहमत हो सकती है।”
ब. 3 दिसंबर 2021 के विद्युत मंत्रालय के संकल्प के खंड-6 के अनुसार, एनईआरपीसी निम्नलिखित कार्य करेगा:
ग्रिड के प्रदर्शन में सुधार के लिए क्षेत्रीय स्तर पर संचालन विश्लेषण करना।
अंतर-राज्यीय/अंतर-क्षेत्रीय विद्युत हस्तांतरण को सुगम बनाना।
सीटीयू/एसटीयू के साथ अंतर-राज्यीय/अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली से संबंधित नियोजन के सभी कार्यों को सुगम बनाना।
3अ. संबंधित आरपीसी द्वारा प्रस्ताव प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर सीटीयू द्वारा नियोजित अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली पर अपने विचार प्रस्तुत करना। नई अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली के अनुमोदन हेतु विद्युत मंत्रालय को अपनी सिफारिशें भेजने के लिए राष्ट्रीय पारेषण समिति द्वारा आरपीसी के विचारों पर विचार किया जाएगा। क्षेत्र की विभिन्न उत्पादन कंपनियों, जिनमें क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति करने वाली अंतर-राज्यीय उत्पादन कंपनियां भी शामिल हैं, की उत्पादन मशीनों के रखरखाव की योजना का समन्वयन करना और मासिक आधार पर रखरखाव कार्यक्रम की समीक्षा करना।
मासिक आधार पर पारेषण प्रणाली के आउटेज की योजना बनाना।
ग्रिड के स्थिर संचालन के लिए सुरक्षा अध्ययन सहित परिचालन नियोजन अध्ययन करना।
प्रणाली अध्ययन समिति के माध्यम से प्रतिक्रियाशील क्षतिपूर्ति आवश्यकता की समीक्षा और स्थापित संधारित्रों की निगरानी के माध्यम से उचित वोल्टेज बनाए रखने की योजना बनाना।
क्षेत्र में विद्युत प्रणाली के संचालन में मितव्ययिता और दक्षता से संबंधित सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाना।