विद्युत अधिनियम, 2003 के अनुसार, क्षेत्रों में विद्युत प्रणाली के एकीकृत संचालन की सुविधा के लिए, केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट क्षेत्र/क्षेत्रों के लिए क्षेत्रीय विद्युत समितियों (Regional Power Committees – RPCs) का गठन किया गया है। RPC सचिवालय का प्रमुख सदस्य सचिव (Member Secretary) होता है, जिसकी नियुक्ति केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority – CEA) द्वारा की जाती है, तथा सचिवालय के अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति भी इसी के अंतर्गत होती है।
विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 29(4) के अंतर्गत, क्षेत्रीय विद्युत समिति (RPC) समय-समय पर ऐसे विषयों पर सहमति बना सकती है जो क्षेत्र में एकीकृत ग्रिड की स्थिरता और सुचारु संचालन, तथा विद्युत प्रणाली के आर्थिक और दक्ष संचालन से संबंधित हों।
RPC के लिए निम्नलिखित कार्यों की पहचान की गई है, जो प्रणालियों की स्थिरता और सुचारु संचालन को सुगम बनाते हैं:
RPC द्वारा आम सहमति से लिए गए वे निर्णय, जो क्षेत्रीय ग्रिड के संचालन तथा विद्युत के शेड्यूलिंग और डिस्पैच से संबंधित हैं, और जो IEGC / CERC विनियमों के प्रावधानों के विपरीत नहीं हैं, उन्हें संबंधित RLDC/SLDC/CTU/STU और उपभोक्ताओं द्वारा, केंद्रीय आयोग (Central Commission) के निर्देशों के अधीन रहते हुए, पालन किया जाएगा।
सदस्य सचिव, RPC क्षेत्रीय एसी (AC) और एचवीडीसी (HVDC) ट्रांसमिशन प्रणालियों की उपलब्धता गुणांक (availability factor) को पृथक रूप से प्रमाणित करेंगे, ताकि ट्रांसमिशन शुल्क (transmission charges) के भुगतान का निर्धारण किया जा सके।
RPC सचिवालय, या आयोग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित कोई अन्य व्यक्ति, RLDC द्वारा प्रदान किए गए डेटा के आधार पर मासिक क्षेत्रीय ऊर्जा लेखा (Regional Energy Account – REA), साप्ताहिक अनियोजित विनिमय लेखा (unscheduled interchange account), प्रतिक्रियाशील ऊर्जा लेखा (reactive energy account), और भीड़भाड़ शुल्क लेखा (congestion charge account) तैयार करेगा; तथा SLDC/RLDC द्वारा प्रदान किए गए डेटा के आधार पर नवीकरणीय विनियामक शुल्क लेखा (renewable regulatory charge account) और आयोग द्वारा निर्दिष्ट अन्य किसी भी शुल्क का लेखा तैयार करेगा, ताकि विभिन्न शुल्कों के बिलिंग और भुगतान के उद्देश्य पूरे किए जा सकें।